बीत जाते है लम्हे, मीठी याद बन जाती है
छिपायी जो दिल की आरज़ू, फरियाद बन जाती है
तितली के जैसे पकड़ने को, हम तो हाथ बढ़ाते है
कुछ रंग हाथों में रह जाता है, लम्हे कहा हाथ आते है
ये पल जो अब चल रहा, ये लो ये भी चला गया
कहो कुछ खास किआ तुमने, या ये भी ना जिया तुमने,
जिंदगी ये प्यारी सी, इक ही हमारे पास है
जो ना जी पाए यही, दूसरी की क्यो आस है
हर लम्हे गुनगुनाते चलो, आज का जशन मनाते चलो
मान ले जो दिल कह रहा, रस्तों को मंजिल बनाते चलो !!