थक कर जब घर को चला, फिर से माँ की याद आई !!
थक कर जब घर को चला, ना घर पे जब कोई मिला !
अधूरे मन से रोटी बनाई, फिर से माँ की याद आई !!
मां की तुलना में किसी और से नहीं हो सकती हैं। मां के स्वार्थहीन प्यार और त्याग को बयां करने वाली कविताओं का संग्रह जो आपके दिल को छू जाएगी।
Celebrate the love and sacrifices of mothers through the power of poetry. Explore our collection of beautifully crafted Hindi poems that capture the essence of motherhood.
थक कर जब घर को चला, ना घर पे जब कोई मिला !
अधूरे मन से रोटी बनाई, फिर से माँ की याद आई !!