आशा का दीपक हूँ …
Category: Poetry
23 Oct 14
**** क्या कहता है दीपावली का दीपक ****
आशा का दीपक हूँ मैं,
मुझे यूहीं जलाये रखना!
अपने दिलों में सदा,
तुम प्यार बनाये रखना!
ज़रा ज़रा सी बात पे,
क्यूँ अपनों से नाराज हो!
कुछ पल की ज़िंदगी ये,
प्यार के अलफ़ाज़ हो !!
मस्ती भरी शाम हो,
खुशियों का पैगाम हो!
कल की परवाह क्यूँ करे,
ये आज बस आज के नाम हो!
यही दुआ बहारों से,
जगमगाते सितारों से!
चारो ओर खुशहाली हो,
यहाँ हर इक शाम दीवाली हो,
यहाँ हर इक शाम दीवाली हो!!