खुदा ने जिसे जाने, कितने रंगों में ढाला है,
मोतियों से दोस्त हैं, ये दोस्ती की माला है !
मुश्किल के दौर में भी, जैसे नई उमंग है,
हर मुश्किल आसान है, गर दोस्त संग है !
अंधेरे में ये तारो से, पतझड़ में बहारो से,
महफिल का है जुदा रंग, प्यारे प्यारे यारो से !
जिंदगी के खेल में, जीत है कभी हार है,
हंसते गुज़रता है वक्त, जब संग तुम्हारा यार है !
किस्मत से मिलता है जो, ये कुछ ऐसा रिश्ता है,
कुछ दोस्त काजू किशमिश से, कोई बादाम और पिस्ता है !
धूप छाव सी ज़िंदगी में, यूही दोस्तों का साथ रहे,
गम हो या खुशी ऐ दोस्त, हाथों में तेरा हाथ रहे !
दुआ है यारों की यारी को, नज़र कोई लगाये ना,
दोस्ती कभी टूटे ना, मोती ये बिखर जाए ना !!